रीढ़ की हड्डी में समस्या को नजरअंदाज करना खतरनाक : डॉ अचल गुप्ता कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन

विश्व स्पाइन दिवस पर विशेष (World spine Day)

डॉ गुप्ता बताते है कि आज के दौर में रीढ़ की हड्डी की सही तरह से देखभाल एक बेहद जरूरी जरूरत बन गई है. जिसका कारण है कि वर्तमान समय में सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि हर उम्र के बच्चों व बड़ों में सिर्फ कमर दर्द ही नहीं बल्कि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं के मामले बहुत ज्यादा देखने में आने लगे हैं. वैश्विक स्तर पर जन-जन को स्वस्थ रीढ़ की हड्डी के महत्व को समझाने तथा उससे संबंधित रोगों तथा उनके उपचारों के लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 16 अक्टूबर को विश्व स्पाइन दिवस मनाया जाता है

डॉ गुप्ता ने बताया कि स्पाइन हमारे शरीर की सबसे महत्वपूर्ण हड्डी होती है. अगर यह कमजोर हो जाए, तो इससे जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. स्पाइन हमारे शरीर का आधार होती है. यह हड्डियों का एक समूह है, जिससे शरीर की कई हड्डियां जुड़ी होती हैं. गलत लाइफस्टाइल और गलत पोश्चर की वजह से स्पाइन में परेशानी हो सकती है, जिससे लोअर बैक पेन, बैक पेन और सर्वाइकल पेन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. स्पाइन का कर्व बिगड़ जाए, तो इससे जुड़ी कई बीमारियां और डिसऑर्डर हो सकते हैं. कई मामलों में यह परेशानी काफी गंभीर हो जाती है, जिसे प्रॉपर ट्रीटमेंट के जरिए ठीक किया जा सकता है. स्पाइन को लेकर लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि लंबी उम्र तक इस परेशानी का शिकार न हो. आज के जमाने में कम उम्र के लोगों को यह समस्या हो रही है, जिससे बचा जा सकता है

गलत पोश्चर में बैठकर लंबे समय तक काम करने से आपको स्पाइन संबंधी कई गंभीर समस्याएं हो सकती है. शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होने से स्पाइन में दिक्कत हो सकती है
एक्सरसाइज की कमी भी आपकी स्पाइन से संबंधित समस्याएं पैदा कर सकती है

डॉ. अचल गुप्ता के अनुसार स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को अधिकतर मामलों में दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है. स्पाइन की बीमारियों से डरने की जरूरत नहीं है. दवाओं और प्रीकॉशन के जरिए 100 में से करीब 90 मरीज ठीक हो जाते हैं. महज कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा प्रॉपर डाइट, अच्छी लाइफस्टाइल, नियमित एक्सरसाइज और पोश्चर सही करने से भी आपको इन बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है. अगर किसी को स्पाइन से जुड़ी समस्या है, तो कैल्शियम और विटामिन डी की कमी शरीर में न होने दें.

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