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ग़ाज़ा पट्टी में जारी इस्राइली हमलों ने बच्चों पर खौफ़नाक असर छोड़ा है। UNRWA के कमिश्नर-जनरल फिलिप लाज़ारिनी के मुताबिक़, अब तक 40,000 से ज़्यादा बच्चे हवाई बमबारी और गोलेबारी में मारे गए या घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जारी नाकाबंदी और घेराबंदी की वजह से कम से कम 100 बच्चों की मौत भूख और कुपोषण से हो चुकी है।
लाज़ारिनी ने यह भी कहा कि ग़ाज़ा में 17,000 से ज़्यादा बच्चे अपने घर वालों से बिछड़ गए हैं या बुनियादी सहूलतों से महरूम हैं। लगभग 10 लाख बच्चे गहरे मानसिक सदमे में हैं और स्कूल जाने से वंचित हैं।
7 अक्टूबर 2023 से इस्राइल, अमेरिका के समर्थन के साथ, ग़ाज़ा में बड़े पैमाने पर क़त्ल, भूख, तबाही और जबरन बेदख़ली कर रहा है। यह सब अंतरराष्ट्रीय अपीलों और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के हमले रोकने के आदेशों को नज़रअंदाज़ करते हुए हो रहा है।
अब तक इस जंग में 2,15,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए या घायल हुए हैं, जिनमें ज़्यादातर औरतें और बच्चे शामिल हैं। 11,000 से ज़्यादा लोग लापता हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं। क़िल्लत-ए-ख़ुराक ने कई जानें ली हैं, ज़्यादातर बच्चों की, और ग़ाज़ा के कई इलाके नक़्शे से मिट चुके हैं।
