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हमास और इसराइल के बीच हुए युद्धविराम समझौते का दुनिया के देशों ने स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, भारत, कनाडा, चीन और कई अन्य देशों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और सभी पक्षों से इसे पूरी तरह लागू करने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेस ने कहा कि सभी लड़ाई बंद होनी चाहिए और गाज़ा में मानवीय मदद बिना रुकावट पहुंचनी चाहिए। इसके अलावा यूरोपीय संघ और उसके नेताओं ने कहा कि यह समझौता शांति की दिशा में बड़ा कदम है और बंदियों की रिहाई के साथ स्थायी समाधान की उम्मीद जगाता है।
ब्रिटेन और फ्रांस ने इसे तुरंत लागू करने की बात कही। फ्रांस के राष्ट्रपति मक्रों ने कहा कि अब दो-राष्ट्र समाधान पर काम आगे बढ़ना चाहिए।
जर्मनी, स्पेन, और तुर्की ने भी शांति प्रक्रिया का समर्थन किया। तुर्की ने कहा कि वह समझौते को लागू कराने में मदद करेगा।
कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और इटली ने ट्रम्प और मध्यस्थ देशों — क़तर, मिस्र, और तुर्की — के प्रयासों की सराहना की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि बंदियों की रिहाई और मानवीय सहायता से गाज़ा में स्थायी शांति का रास्ता खुलेगा।
निष्कर्ष:
पूरी दुनिया चाहती है कि यह समझौता सच्चे अर्थों में लागू हो और गाज़ा में युद्ध नहीं, अब शांति और पुनर्निर्माण की शुरुआत हो। यह केवल युद्ध रोकने का नहीं, बल्कि भविष्य में स्थायी समाधान और दो-राष्ट्र नीति की ओर बढ़ने का मौका भी है।
