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ग़ाज़ा पट्टी में 11 अक्टूबर को संघर्षविराम लागू होने के बाद से 4.70 लाख से अधिक आम फ़लस्तीनियों ने उत्तरी इलाक़े का रुख़ किया है. अधिकाँश आम लोग अपने बर्बाद हो चुके घरों व रिहायशी इलाक़ों में वापसी कर रहे हैं, और वहाँ भोजन, जल व अन्य सेवाओं की आवश्यकता है.
यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) का कहना है कि ग़ाज़ा पट्टी में भीषण युद्ध के दौरान विस्थापित हुए आम फ़लस्तीनी लोग, अब अपने घरों को वापिस लौट रहे हैं.
इसराइल और हमास के बीच संघर्षविराम पर सहमति होने के बाद, 11 अक्टूबर के बाद से अब तक 4.70 लाख लोगों ने उत्तरी ग़ाज़ा का रुख़ किया है, जहाँ जल, भोजन समेत अन्य सेवाओं की जल्द से जल्द आवश्यकता है.
बड़ी संख्या में परिवारों के घर ध्वस्त हो चुके हैं, अनेक ढाँचे अस्थिर हैं और वहाँ बिना फटे हुए विस्फोटकों का जोखिम है.
ये आयुध सामग्री वहाँ बड़े पैमाने पर बिखरी हुई है, और आम नागरिकों के इसकी चपेट में आने की आशंका है.
इसके मद्देनज़र, यूएन अपने साझेदारों के साथ मिलकर इसकी सफ़ाई के काम में जुटा है.
7 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक, इन विस्फोटकों की चपेट में आने की 150 से अधिक घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें बच्चों समेत आम लोग हताहत हुए हैं.
इस बीच, मानवीय सहायता सामग्री, निरन्तर ग़ाज़ा में पहुँचाई जा रही है.
शुक्रवार को और शनिवार के दौरान, 300 से अधिक ट्रकों में लदा सामान, फ़लस्तीनी इलाक़े की ओर प्राप्त किया गया.
इन ट्रकों में आटे की हज़ारों बोरियाँ, गर्म भोजन के लिए आपूर्ति, डिब्बाबन्द भोजन, चावल समेत अन्य सामग्री पहुँचाए गए हैं.
वहीं, परियोजना सेवाओं के लिए यूएन कार्यालय (UNOPS) ने बताया कि 3.29 लाख लीटर ईंधन भी वितरित किया गया है.
इससे स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, दूरसंचार सेवाओं व अन्य मानवीय सहायता कार्यक्रमों को समर्थन दिया जा सकेगा.
पश्चिमी तट में ज़ैतून के बाग़ों पर हमले
इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में OCHA ने, ज़ैतून की फ़सल की कटाई के, 9 अक्टूबर से शुरू हुए मौसम से जुड़ी हिंसा जारी रहने की सूचना दी है.
फ़लस्तीनी किसानों और उनकी ज़मीन पर, यहूदी बाशिन्दों के 85 से ज़्यादा हमले किए गए हैं जिन्होंने, ज़ैतून की फ़सल की कटाई को बाधित कर दिया है.
इन हमलों में 110 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं और 50 गाँवों में 3 हज़ार से अधिक पेड़ों को नुक़सान पहुँचा है.
पिछले सप्ताह ही, 17 हमले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकतर हमले, रामल्लाह प्रान्त में हुए.
OCHA ने कहा, “बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने आजीविका को तबाह कर दिया है और कृषक समुदायों में भय को गहरा कर दिया है.”
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि सहायता सामग्री दाख़िल होने के बावजूद, ग़ाज़ा की मानवीय ज़रूरतें अब भी बहुत ज़्यादा हैं, भोजन, पानी और आश्रय की आपूर्ति अब भी गम्भीर रूप से कम है क्योंकि परिवार घर लौटने के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा रहे हैं.
Source: UN News Hindi
