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गाज़ा में जारी तबाही के बीच तुर्की ने इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ़ “नरसंहार और युद्ध अपराध” के गंभीर आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
दरअसल इस्तांबुल अभियोजक कार्यालय के बयान के मुताबिक़, कुल 37 इसराइली अधिकारियों के नाम इस सूची में शामिल हैं — जिनमें रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटामार बेन-गवीर, और इसराइली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल ज़ामीर प्रमुख हैं। बाकी नामों को सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक नहीं किया गया है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि इन सभी पर गाज़ा में “संगठित तरीके से किए गए नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों” में शामिल होने का आरोप है। बयान में तुर्की ने यह भी ज़ोर देकर कहा कि इसराइल ने मार्च 2025 में “तुर्की-फ़िलिस्तीनी फ़्रेंडशिप अस्पताल” पर बमबारी कर दी थी — यह वही अस्पताल था जिसे तुर्की ने 2017 में गाज़ा में बनाया था, और जो वहाँ का एकमात्र कैंसर अस्पताल था।
अस्पताल की तबाही के बाद गाज़ा के कैंसर रोगियों की इलाज की आख़िरी उम्मीद भी मिट गई। इस घटना की तुर्की सरकार और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी निंदा की थी।
हमास ने तुर्की के फैसले को बताया “न्याय की आवाज़”
तुर्की के इस क़दम का हमास ने ज़ोरदार स्वागत किया है। अपने बयान में संगठन ने नेतन्याहू को “युद्ध अपराधी” और रक्षा मंत्रियों योआव गैलेंट तथा इज़राइल कैट्ज़ को “आतंकवाद के अपराधी” बताया।
हमास ने कहा कि,
“यह ऐतिहासिक फैसला तुर्की की जनता और नेतृत्व की न्याय, मानवता और सच्ची भाईचारे के मूल्यों के प्रति वफ़ादारी को दर्शाता है। यह हमारे उन पीड़ित फ़िलिस्तीनी भाइयों के साथ एकजुटता का प्रतीक है, जो आधुनिक युग के सबसे क्रूर विनाश अभियान का सामना कर रहे हैं।”
हमास ने दुनिया के अन्य देशों और न्यायिक संस्थानों से भी अपील की कि वे इसराइली नेताओं के खिलाफ़ इसी तरह के कानूनी कदम उठाएं, ताकि उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालतों में जवाबदेह ठहराया जा सके।
