ग़ाज़ा: बच्चों को भुखमरी में धकेलने को, युद्ध का हथियार बनाए जाने की निन्दा

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संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति ने, ग़ाज़ा में जारी युद्ध के, बच्चों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभाव पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है और इस विनाश को रोकने के लिए, सभी देशों से, विशेष रूप से इसराइल से, एक वास्तविक क़ाबिज़ शक्ति के रूप में, तत्काल निर्णायक कार्रवाई करने का आहवान दोहराया है.

समिति ने ध्यान दिलाया है कि ग़ाज़ा को अकाल ने अब अपनी जकड़ में ले लिया है. बच्चों में कुपोषण भयावह गति से बढ़ रहा है.

समिति ने संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों की चेतावनी को दोहराया कि अगर तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता नहीं पहुँचाई गई तो, यह मानव निर्मित अकाल फैलेगा व और भी अधिक बच्चों की जान जाएगी.

समिति ने कहा कि वह लोगों के जीवित रहने के लिए बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित होने को लेकर गम्भीर रूप से चिन्तित है. ग़ाज़ा में बच्चे गम्भीर कुपोषण, भुखमरी और अकाल की स्थिति के कारण अकल्पनीय पीड़ा झेल रहे हैं.

समिति ने कहा, “आवश्यक सेवाएँ भी चरमरा गई हैं: सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएँ नदारद हैं. सिविल बुनियादी ढाँचा लगभग नष्ट हो गया है, जिससे बच्चे जीवित रहने और विकास के लिए आवश्यक न्यूनतम आवश्यकताओं से वंचित रह गए हैं.”

साथ ही, बच्चे लगातार जारी सैन्य हमलों के सीधे शिकार बन रहे हैं. सप्ताहान्त में, इसराइली सेना ने ग़ाज़ा शहर पर बमबारी तेज़ कर दी, आवासीय इमारतों पर बार-बार हमले किए और उन्हें तहस-नहस कर दिया.

बच्चे असीम पीड़ा में

समिति ने कहा, “पुष्ट ख़बरें बच्चों की हत्या, विकलांगता और उनके ख़िलाफ़ व्यापक हिंसा के भयावह स्तर की ओर इशारा करती हैं. अनगिनत बच्चे अपने माता-पिता, भाई-बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों से वंचित हो गए हैं, जिससे वे गहरे दुःख और अत्यधिक मनोवैज्ञानिक आघात में हैं जो आने वाले वर्षों तक उनके जीवन को प्रभावित करेगा.”

समिति ने ज़ोर देकर कहा, “इसराइल की जारी सैन्य कार्रवाइयाँ, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन में निहित अधिकारों की जड़ पर सीधा प्रहार करती हैं.”

समिति ने इसराइल से ग़ाज़ा पर अपने हमले बन्द करने का आग्रह किया. समिति ने साथ ही, फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा बन्धक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई की भी मांग भी की है.

समिति ने कहा है, “इसराइल को मानवीय सहायता में बाधा डालने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि गाज़ा के लोगों तक निर्बाध, निरन्तर और सुरक्षित रूप में मानवीय सहायता पहुँचे.

इसराइल को ग़ाज़ा में बच्चों को और अधिक नुक़सान से बचाने के लिए क़दम उठाने होंगे, और कन्वेंशन का पूरी तरह पालन करके, बच्चोंम के अन्तर्निहित अधिकारों और गरिमा का सम्मान व संरक्षण करना होगा.”

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