Reading time : 0 minutes
ग़ज़ा में लगातार मिल रही सामूहिक कब्रों और लापता लोगों की बढ़ती संख्या ने एक बार फिर इज़रायली क़ब्ज़ा करने वाली फ़ौज (IOF) पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फ़िलिस्तीनी संगठनों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ़्तार कर यातना देने और मार डालने के सबूत सामने आ रहे हैं।
फ़िलिस्तीनी सेंटर फॉर मिसिंग एंड फ़ोर्सिबली डिसअपीयर्ड पर्सन्स के मुताबिक़, इज़रायली हमलों की शुरुआत से अब तक करीब 6,000 लोग लापता हैं, जिनमें से 1,300 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 165 शव इज़रायली अधिकारियों से लौटाए गए हैं। इनमें से कई पर यातना, अंग-भंग और नज़दीक से गोली मारने के निशान हैं। कुछ शवों को सदे ताइमान सैन्य हिरासत केंद्र (Sde Teiman military) से लाया गया, जिसे मानवाधिकार समूह “यातना शिविर” बताते हैं।
देइर अल-बलह में हाल ही में 54 अज्ञात शवों को दफ़नाया गया। सरकारी प्रवक्ता इस्माइल अल-थवाबता ने कहा, “ये युद्ध में नहीं मारे गए, बल्कि इन्हें ठंडे दिमाग़ से मारा गया है।” मतलब सोची समझी साज़िश |
इसके अलावा फ़िलिस्तीनी अधिकारी और मानवाधिकार संगठन अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग कर रहे हैं कि इन घटनाओं की स्वतंत्र जांच हो और दोषियों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत सज़ा दी जाए।
