सीरिया: लगातार जारी हिंसा में सैंकड़ों लोगों की मौत, अस्पतालों पर भारी दबाव

सीरिया: लगातार जारी हिंसा में सैंकड़ों लोगों की मौत, अस्पतालों पर भारी दबाव

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  • By UN News

सीरिया के दक्षिणी प्रान्त सुवैदा में हो रही हिंसक झड़पों के बीच, हर घंटे मानवाधिकारों के गम्भीर उल्लंघन और बढ़ती मानवीय ज़रूरतों की तस्वीर सामने आ रही है. इन हिंसा में अनेक लोगों के हताहत होने की ख़बरें हैं.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने, शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए, “विश्वसनीय” ख़बरों का हवाला दिया, जिनमें “मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन और दुर्व्यवहारों” का ज़िक्र है, जैसे कि मनमाने ढंग से हत्याएँ, अपहरण, निजी सम्पत्ति का विनाश और घरों में लूटपाट.

उन्होंने कहा कि “इन घटनाओं में कथित रूप से सुरक्षा बलों के सदस्य, अस्थाई प्रशासन से जुड़े लोग और स्थानीय सशस्त्र तत्व, शामिल हैं…”

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने भी बताया कि कई अस्पताल घायल लोगों की भारी संख्या को सम्भालने में सक्षम नहीं हैं.

जान बचाकर भागने को मजबूर

प्रवक्ता शमदासानी ने कहा, “OHCHR को शुक्रवार की सुबह जानकारी मिली कि झड़पें जारी हैं और “बहुत से लोग वहाँ से भागने की कोशिश कर रहे हैं या पहले ही भाग चुके हैं.” 

मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) की ताज़ा जानकारी के अनुसार, लड़ाई से प्रभावित इलाक़ों से, गुरूवार तक लगभग 2 हज़ार परिवार विस्थापित हो चुके हैं. 

ख़बरों के मुताबिक़, 12 जुलाई से द्रूज़ और बेडोइन समुदायों के बीच भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं, जिसके बाद सीरियाई सुरक्षा बलों ने कार्यवाई की.

प्रवक्ता शमदासानी ने, 15 जुलाई की एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि “जब अस्थाई प्रशासन से जुड़े हथियारबन्द लोगों ने जानबूझकर एक पारिवारिक सभा पर गोलीबारी की तो उसमें कम से कम 13 लोग मारे गए.”

सुरक्षा परिषद की पुकार

सीरिया के इन हालात पर विचार करने के लिए, न्यूयॉर्क में गुरूवार को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक हुई. 

संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव ख़ालिद ख़ियारी ने इस आपात बैठक सम्बोधित करते हुए, उन ख़बरों का ज़िक्र किया, जिनमें “नागरिकों, धार्मिक नेताओं और बन्दियों को ग़ैर-न्यायिक हत्या और अपमानजनक व्यवहार” के शिकार बताया गया है.

उन्होंने सभी पक्षों से नागरिकों और नागरिक ढाँचों की सुरक्षा का आग्रह किया.

आग की तरह फैलती अफ़वाहें 

प्रवक्ता शमदासानी ने बताया कि OCHA धरातल पर मौजूद अपने सम्पर्कों के ज़रिए, मृतकों के परिवारों और चश्मदीद गवाहों से, जानकारी की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन मृतकों की सही संख्या का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है.

उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर बहुत सारे वीडियो चलाए जा रहे हैं. कुछ लोग खु़द को लड़ाका बताकर हिंसा और अत्याचार की घटनाओं को दिखा रहे हैं. हम इनकी पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बहुत सी भ्रामक जानकारियाँ फैलाई जा रही हैं, जो हिंसा को दीगर भड़काने के लिए इस्तेमाल हो रही हैं.”

इसराइली हमला

OHCHR की प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इसराइल ने सुवैदा, डारा और राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए हैं, जिनमें आम लोगों की मौतें होने की ख़बरों ने चिन्ता बढ़ाई है.

उन्होंने इन हमलों को तुरन्त रोकने की माँग की.

इसराइल ने द्रूज़ समुदाय की सुरक्षा का हवाला देकर यह हमला किया था.

गहराता मानवीय संकट

UNHCR के प्रवक्ता विलियम स्पिंडलर ने बताया कि इस हिंसा और विस्थापन के कारण “गम्भीर” मानवीय ज़रूरतें पैदा हो गई हैं और स्वास्थ्य व राहत तंत्र इसकी पूर्ति में असमर्थ हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, “हाल की हिंसा में घायल लोगों की सँख्या इतनी अधिक है कि कई अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने, कुछ आपात चिकित्सा सामग्री मगर उसमें से अभी कुछ ही सामग्री पहुँच पाई है क्योंकि सुरक्षा के कारण उन क्षेत्रों में पहुँचना सम्भव नहीं है.

स्पिंडलर ने आगाह किया कि बिजली की आपूर्ति ठप होने के कारण, पानी की भारी कमी है. लोग बोतलबन्द पानी या खाना नहीं ख़रीद पा रहे हैं, क्योंकि बाहर निकलना असुरक्षित है.

UNHCR  के प्रवक्ता ने सभी पक्षों से अपील की कि वे “अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अनुसार” मानवीय संस्थानों, कर्मियों और संसाधनों की रक्षा करें.

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