ग़ाज़ा में इसराइल के हवाई हमलों के बावजूद, सहायता प्रयास जारी

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संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहयोगी मानवीय सहायता एजेंसियाँ, ग़ाज़ा पट्टी में हाल के कथित इसराइली हवाई हमलों के बावजूद, अपने सहायता प्रयासों को तेज़ कर रहे हैं. ख़बरों के अनुसार गुरूवार (30 अक्टूबर) को तथाकथित “पीली रेखा” के पास के इलाक़े में भी, इसराइल के कुछ हमले हुए, जिनमें कुछ लोगों हतातत होने की ख़बरें हैं.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में नियमित प्रैस वार्ता में कहा कि पीली रेखा (Yello Line) के आसपास यह वह क्षेत्र है जिसे इसराइली रक्षा बलों ने, युद्धविराम समझौते के तहत ग़ाज़ा के अन्दर चिन्हित करना शुरू किया है.

यूएन प्रवक्ता ने कहा, “हम एक बार फिर ज़ोर देते हैं कि सभी पक्षों को ऐसी किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए जिससे सहायता कर्मियों और नागरिकों को ख़तरा हो, और हम इसराइली सेना को अपने सभी सैन्य अभियानों के दौरान, सहायताकर्मियों व आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, निरन्तर सावधानी बरतने के उसके दायित्व की याद दिलाते हैं.”

प्रवक्ता के अनुसार, सहायता सामग्री के संग्रह प्रयासों के सम्बन्ध में, संयुक्त राष्ट्र 2720 तंत्र ने बताया है कि संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठनों ने कुछ सप्ताह पहले युद्धविराम लागू होने के बाद से, सीमा पार से 24 हज़ार मीट्रिक टन से अधिक सहायता सामग्री एकत्र की है.

समुदाय-आधारित और घरेलू वितरण व सेवाओं की बहाली के ज़रिए, ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता सामग्री पहुँच सकी है, जिसमें भोजन, दवाएँ और चिकित्सा सामग्री, पोषण सम्बन्धी आहार और आश्रय सामग्री शामिल है.

इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र 2720 तंत्र के अनुसार, ग़ाज़ा में सीमा चौकियों से यूएन और सहयोगियों द्वारा एकत्रित की गई सहायता सामग्री को बीच में ही रोके जाने, लूटे जाने या लेकर चले जाने की घटनाओं में ख़ासी कमी आई है.

चिकित्सा ढाँचा

प्रवक्ता के अनुसार, युद्धविराम की शुरुआत के बाद से, विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के सहयोगियों ने बताया है कि उन्होंने ग़ाज़ा में इंसुलिन, सहायक उपकरण, आवश्यक दवाएँ, हैज़ा और सर्जिकल किट सहित, जीवन रक्षक चिकित्सा सामान पहुँचाए हैं.

WHO ने इस सप्ताह यह भी बताया कि उसकी टीमें, पोषण सेवाएँ प्रदान करने वाले सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं और ढाई हज़ार बच्चों का इलाज करने के लक्ष्य पर काम कर रही हैं.

प्रवक्ता के अनुसार, इस सकारात्मक प्रगति के बावजूद, ग़ाज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली को, वहाँ के लोगों की व्यापक ज़रूरतों को पूरा करने में गम्भीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

“ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय (MoH) के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से, इस वर्ष 7 अक्टूबर तक, 1,700 से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मी मारे जा चुके हैं.

शिक्षा मोर्चे पर सहायता

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि शिक्षा के मोर्चे पर, साझीदार एजेंसियाँ, 6 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा स्कूली बच्चों के लिए, न्यूनतम शिक्षण और सीखने के हालात बहाल करने के लिए, यथासम्भव अपने प्रयास बढ़ा रहे हैं. ये बच्चे, दो साल से अधिक समय से स्कूली शिक्षा से वंचित हैं.

हालाँकि, शैक्षिक और शिक्षण सामग्री के प्रवेश पर, इसराइली अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबन्धों से, इस सहायता कार्रवाई में  बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं.

प्रवक्ता ने कहा, “हम सभी सीमा चौकियों को खुला रखने और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों व संगठनों को ग़ाज़ा में अधिक सहायता सामग्री लाने की अनुमति दिए जाने का आहवान करते रहे हैं.

Source: UN News Hindi

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