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ग़ाज़ा और इज़रायल की जंग ने ज़िंदगी बचाने वालों को भी सलाख़ों के पीछे पहुँचा दिया है। फ़िलिस्तीन सेंटर फ़ॉर प्रिज़नर्स स्टडीज़ के मुताबिक़, 7 अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायली फ़ौज ने ग़ाज़ा के 360 से ज़्यादा डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को गिरफ़्तार कर लिया है।
सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि इनमें से चार स्वास्थ्यकर्मियों की मौत जेल में ही हो गई | रिपोर्ट बताती है कि मौत की वजह यातना और इलाज न मिलना है।
इस समय ग़ाज़ा के लगभग 3,500 लोग जेलों में बंद हैं, जिनमें अस्पतालों के कई वरिष्ठ डॉक्टर भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में कमाल अदवान अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. हुसाम अबू साफ़िया, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद ओबेद और डॉ. मोहम्मद जाहिर प्रमुख नाम हैं।
सिर्फ़ यही नहीं, इज़रायली सेना ने अल-शिफ़ा, कमाल अदवान, इंडोनेशियन, अल-अवदा और नासिर अस्पताल पर धावे बोले। वार्ड खाली कराए, मरीज़ों और डॉक्टरों को उठा लिया। पैरामेडिक्स तक को ऐम्बुलेंस से घायलों को लाते समय पकड़ लिया गया।
सेंटर ने कहा कि मेडिकल स्टाफ़ को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय क़ानून और इंसानियत, दोनों की खुली धज्जियाँ उड़ाना है। इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन और डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है।
इस बीच, ग़ाज़ा में तबाही रुकने का नाम नहीं ले रही। अब तक 65,283 लोग मारे गए, 1,66,575 घायल हुए और 20 लाख से ज़्यादा लोग बेघर होकर भूख और विनाश के बीच जीने को मजबूर हैं।
