यूक्रेन युद्ध का अन्त करने के लिए, ‘कूटनैतिक प्रयासों को खोने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता’

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रूस और यूक्रेन के बीच हिंसक टकराव का अन्त करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने कूटनैतिक मोर्चे पर जो प्रयास शुरू किए हैं, उनमें विफल रहने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को यूक्रेन में जारी युद्ध के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही.

इस बैठक में, महासभा के 80वें सत्र में शिरकत करने के लिए न्यूयॉर्क पहुँचे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हिस्सा लिया.

रूस ने 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण स्तर पर आक्रमण किया था, जिसके बाद से इस लड़ाई में जान-माल की भीषण हानि हुई है. 

महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कुछ महीने पहले, फ़रवरी 2025 में यूक्रेन युद्ध के तीन वर्ष पूरे होने के दुखद पड़ाव पर सुरक्षा परिषद की बैठक हुई थी.

उसके बाद से कूटनैतिक मोर्चे पर गहनता से प्रयास किए गए हैं, लेकिन यूक्रेन और रूस में लड़ाई और हमलों में भी तेज़ी आई है.

यूक्रेन में घरों, स्कूलों, अस्पतालों, आश्रय स्थलों पर बमबारी की गई है, जबकि अहम बुनियादी प्रतिष्ठानों को ध्वस्त किया गया है.

यूएन प्रमुख के अनुसार, अब तक 14 हज़ार से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है और 36 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. पिछले कुछ महीनों में हताहतों की संख्या में उछाल आया है.

महासचिव ने कहा कि रूस में भी आम नागरिक इस युद्ध से प्रभावित हो रहे हैं.

“मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूँ: आम नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमले, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत निषिद्ध हैं. उन्हें अभी रोका जाना होगा.”

उन्होंने कहा कि युद्ध से इस क्षेत्र व उससे परे भी विशाल मानव पीड़ा व अस्थिरता उपजी है, और जितने लम्बे समय तक यह युद्ध जारी रहेगा, हर किसी के लिए उते ही भयावह नतीजे होंगे.

शान्ति पथ पर धीमी प्रगति

यूएन प्रमुख ने इस हिंसक टकराव का कूटनैतिक समाधान ढूंढने में जुटे देशों का आभार प्रकट किया, जिनकी अगुवाई संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा की जा रही है. साथ ही, इस्ताम्बुल में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधी वार्ता का भी स्वागत किया.

मगर, उन्होंने कहा कि युद्धविराम और एक स्थाई शान्ति समझौते को हासिल करने की दिशा में प्रगति बहुत धीमी रफ़्तार से ही आगे बढ़ी है.

“हम मौजूदा कूटनैतिक प्रयासों के प्रवाह को खोने का जोखिम मोल नहीं ले सकते हैं, भले ही वे कितना भी नाज़ुक हो.”

महासचिव ने यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत व्यापक और सतत युद्धविराम को लागू किए जाने की अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस युद्ध का अन्त करने के लिए सभी प्रयासों को अपना पूर्ण समर्थन प्रदान करेगा.

Source: UN News Hindi

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