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ग़ाज़ा पट्टी में नाज़ुक परिस्थितियों में लागू युद्धविराम के बीच संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी एजेंसियाँ ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक सहायता पहुँचाने में जुटी हैं.
आपात राहत मामलों के लिए यूएन प्रमुख टॉम फ़्लैचर गुरुवार को मिस्र की राजधानी काहिरा से ग़ाज़ा के दक्षिणी हिस्से में स्थित रफ़ाह पहुँचे, जोकि “भोजन, दवाओं, टैंट और अन्य जीवनरक्षक सहायता” के लिए अहम जीवनरेखा है.
यूएन मानवतावादी कार्यालय प्रमुख ने अपील की है कि ग़ाज़ा में विशाल पैमाने पर सहायता अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए सभी सीमा चौकियों को खोला जाना होगा.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के अनुसार, उसके पास ग़ाज़ा से बाहर पर्याप्त मात्रा में खाद्य आपूर्ति है, जिससे तीन महीनों के लिए स्थानीय आबादी को मदद मुहैया कराई जा सकती है. मगर, इसराइली सेना ने युद्धविराम लागू होने के बावजूद उसके प्रवेश को रोका हुआ है.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता अदनान अबू हसना ने यूएन न्यूज़ को बताया कि उनके संगठन के पास जिस तरह का राहत वितरण नैटवर्क है, उसकी तुलना नहीं की जा सकती है और इसलिए व्यापक स्तर पर सहायता अभियान में UNRWA को अग्रणी भूमिका देनी होगी.
“हमारे नज़रिए से यह बिलकुल भी न्यायसंगत नहीं है कि इसराइल द्वारा इस विशाल सहायता की अनुमति न दी जाए, जिसकी लागत लाखों डॉलर है.”
ग़ाज़ा में यूएन एजेंसी के 12 हज़ार कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से आठ हज़ार शिक्षक हैं और उनकी कोशिश है कि 6.4 लाख छात्र फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर सकें.
उन्होंने बताया कि 90 फ़ीसदी UNRWA केन्द्र बर्बाद हो चुके हैं, और 370 कर्मचारी मारे गए हैं. प्रवक्ता अबू हसना के अनुसार, उनके लिए सिर्फ़ एक ही चीज़ बदली है और वो ये कि ठोस वितरण व्यवस्था होने के बावजूद वे लोगों तक खाद्य सहायता नहीं पहुँचा पा रहे हैं.
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने बताया है कि फ़िलहाल विशाल मानवीय आवश्यकताएँ हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए 1,300 से अधिक ट्रकों में जीवनरक्षक सामान ग़ाज़ा के लिए रवाना किए जाने के लिए तैयार है.
यूनीसेफ़ प्रवक्ता टैस इनग्रैम ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपने सन्देश में कहा कि अति-आवश्यक सहायता पहुँचाने के लिए राहत टीमों को सहायता मार्ग मिलने की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है.
“ग़ाज़ा पट्टी में हर 10 में से 9 घर क्षतिग्रस्त या बर्बाद हो चुके हैं. इसका अर्थ यह है कि पूरे ग़ाज़ा पट्टी में परिवार, ढाँचे में तब्दील हो चुके घरों, खंडहरों में वापिस आ रहे हैं, और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे का रास्ता किस तरह से तय करें.”
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठनों की उपस्थिति और उनसे तालमेल के बिना, मानवीय सहायता समुदाय ज़रूरी स्तर पर सहायता नहीं प्रदान कर सकता है.
मगर, फ़िलहाल, इसराइली प्रशासन द्वारा अनेक अन्तरराष्ट्रीय एनजीओ के लिए वीज़ा जारी नहीं किया जाता है और इसलिए वे ग़ाज़ा में आपूर्ति भेजने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
Source: UN News Hindi
