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यरुशलम, बुधवार:
इसरायली पुलिस की कड़ी सुरक्षा में दर्जनों यहूदियों ने बुधवार को इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल, अल-अक़्सा मस्जिद के परिसर में प्रवेश किया। इस दौरान कई मुस्लिम नमाज़ियों को मस्जिद के दरवाज़ों पर रोक दिया गया, जिससे वहाँ तनाव और ग़ुस्से का माहौल बन गया।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यहूदियों ने मस्जिद के अंदर अपने रब्बियों से तथाकथित “टेंपल माउंट” के बारे में धार्मिक लेक्चर सुने। “टेंपल माउंट” दरअसल वही इलाक़ा है जहाँ अल-अक़्सा मस्जिद और डोम ऑफ़ द रॉक स्थित हैं — यह जगह मुसलमानों के लिए पवित्र है, जबकि यहूदी परंपरा के अनुसार यहाँ कभी उनका प्राचीन मंदिर (Holy Temple) था।
कुछ यहूदियों ने मस्जिद के पूर्वी हिस्से में तल्मूदी प्रार्थनाएँ भी कीं, जिसे स्थानीय लोगों ने जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई बताया। उनका कहना है कि ऐसी हरकतें पवित्र स्थल की धार्मिक स्थिति को बदलने की कोशिश हैं, जो दशकों से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है।
इसरायली पुलिस ने इस दौरान मुस्लिम इबादतगुज़ारों पर सख़्त पाबंदियाँ लगाईं। कई लोगों को मस्जिद के दरवाज़ों पर रोक दिया गया और उन्हें अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिससे मुस्लिम नमाज़ियों में नाराज़गी और असंतोष फैल गया।
फिलिस्तीनी धार्मिक और स्थानीय सूत्रों ने बताया कि हाल ही में मनाए गए सात दिन के यहूदी त्योहार “सुक्कोत” के दौरान भी करीब 9,800 यहूदी बसने वाले अल-अक़्सा मस्जिद परिसर में इसी तरह दाख़िल हुए थे। लगातार बढ़ रही ऐसी घुसपैठों को फिलिस्तीनी समुदाय अल-अक़्सा की पवित्रता और मौजूदा धार्मिक व्यवस्था पर हमला मानता है।
स्थानीय धार्मिक नेताओं ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाइयाँ न केवल मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि यरुशलम सहित पूरे क्षेत्र में धार्मिक तनाव और झड़पों का ख़तरा बढ़ा सकती हैं।
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