सेना में अफसर बनने का सफर: एनडीए से सीडीएस तक, जानिए हर रास्ते की पूरी कहानी

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भारत की सेना न केवल अनुशासन और साहस का प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया की पांच सबसे बड़ी सेनाओं में भी शुमार है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 तक भारतीय सेना में करीब 15 लाख सक्रिय सैनिक थे। देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ सेना का नाम दुनिया में शौर्य और नैतिकता के लिए जाना जाता है। कई युवाओं का सपना होता है भारतीय सेना में अफसर बनना। लेकिन यह राह उतनी आसान नहीं, जितनी दिखती है। इसके लिए सिर्फ़ किताबों की पढ़ाई नहीं, बल्कि एक संतुलित, ईमानदार और नेतृत्व से भरपूर व्यक्तित्व चाहिए।
इस दिशा में मुख्य रास्ते हैं — एनडीए (National Defence Academy) और सीडीएस (Combined Defence Services)। दोनों परीक्षाएं यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती हैं।

एनडीए और सीडीएस: अफसर बनने के दो मुख्य दरवाज़े

-एनडीए और सीडीएस दोनों परीक्षाओं का उद्देश्य सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए कैडेट्स का चयन करना है।
-एनडीए परीक्षा साल में दो बार होती है। इसका पहला नोटिफिकेशन जनवरी में और दूसरा जून में जारी किया जाता है।
-सीडीएस परीक्षा के नोटिफिकेशन अप्रैल और सितंबर में जारी होते हैं।

मुख्य अंतर दोनों में यही है कि —

-एनडीए 12वीं कक्षा पास (या 12वीं में पढ़ रहे) उम्मीदवारों के लिए है।
-सीडीएस स्नातक (ग्रैजुएट) उम्मीदवारों के लिए।

उम्र सीमा :

एनडीए: 16.5 से 19.5 वर्ष के अविवाहित युवक-युवती।
सीडीएस: 19 से 24 वर्ष के उम्मीदवार।

कौन दे सकता है एनडीए या सीडीएस परीक्षा?

-उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।
-कुछ विशेष शर्तों के साथ नेपाल के नागरिक, तिब्बती शरणार्थी (जो 1962 से पहले भारत आए हों) और भारतीय मूल के वे लोग भी पात्र हैं जो स्थायी रूप से भारत में बसने के लिए पाकिस्तान, श्रीलंका, केन्या या अन्य देशों से आए हों।
-वायुसेना और नौसेना में आवेदन के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स अनिवार्य है।
-उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए।

वहीं सीडीएस के लिए :

-इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) या ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) के लिए किसी भी विषय में ग्रैजुएशन।
-नेवल एकेडमी के लिए इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन।
-एयर फोर्स एकेडमी के लिए 12वीं में PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) और साथ में इंजीनियरिंग डिग्री ज़रूरी है।

परीक्षा और चयन प्रक्रिया

-एनडीए और सीडीएस दोनों परीक्षाएं दो चरणों में होती हैं — लिखित परीक्षा, और एसएसबी इंटरव्यू (Services Selection Board)
-एनडीए परीक्षा में दो पेपर होते हैं: मैथमैटिक्स और जनरल एबिलिटी टेस्ट (GAT)
-सीडीएस परीक्षा में तीन विषय शामिल होते हैं: इंग्लिश, जनरल नॉलेज और एलिमेंट्री मैथमैटिक्स (OTA के लिए मैथ्स नहीं होती)

लिखित परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जो पांच दिनों तक चलता है। इस इंटरव्यू का मक़सद सिर्फ़ यह जानना नहीं कि उम्मीदवार कितना पढ़ा-लिखा है, बल्कि यह परखना है कि वह “ऑफिसर जैसा सोचता और व्यवहार करता है या नहीं”।

एसएसबी में क्या देखा जाता है?

पूर्व एनडीए डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर मेजर जनरल (रिटायर्ड) संजीव डोगरा बताते हैं — “सेना में सिर्फ़ अकादमिक टॉपर नहीं, बल्कि ऐसे युवाओं की ज़रूरत होती है जिनमें नेतृत्व, जिम्मेदारी और नैतिकता हो।” उनके मुताबिक, उम्मीदवार में मौजूद लीडरशिप क्वॉलिटीज़ (OLQs) को तीन पहलुओं में परखा जाता है:

-लीडर क्या है: चरित्र, ईमानदारी, नैतिकता और आत्मविश्वास।
-लीडर क्या जानता है: नॉलेज, करंट अफेयर्स और सामान्य जागरूकता।
-लीडर क्या करता है: टीमवर्क, निर्णय क्षमता और व्यवहार।

एसएसबी इंटरव्यू की प्रक्रिया में तीन स्तर होते हैं:

-साइकोलॉजिकल टेस्ट: उम्मीदवार की सोच और मानसिक मजबूती का परीक्षण।
-ग्रुप टास्क: टीमवर्क और लीडरशिप की परीक्षा।
-पर्सनल इंटरव्यू: बातचीत, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व का मूल्यांकन।

ट्रेनिंग और ग्रोथ: एक अनुशासित सफर

एनडीए में चयनित उम्मीदवारों की तीन साल की ट्रेनिंग पुणे के खडकवासला स्थित एनडीए में होती है। इसके बाद वे आर्मी, नेवी या एयरफोर्स की अपनी-अपनी अकादमी में एक साल की विशेष ट्रेनिंग करते हैं।
इस चार साल की ट्रेनिंग के बाद कैडेट्स को जेएनयू (JNU) से बैचलर्स डिग्री भी मिलती है।

सीडीएस उम्मीदवारों की ट्रेनिंग अवधि अकादमी के अनुसार अलग-अलग होती है: IMA, INA, AFA: लगभग 18 महीने, OTA: लगभग 11 महीने| इसके अलावा एनडीए या सीडीएस, दोनों ही रास्तों से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उम्मीदवारों की पहली नियुक्ति लेफ्टिनेंट के पद पर होती है।

फीस, स्टाइपेंड और सुविधाएं

-एनडीए और सीडीएस दोनों ही ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरी तरह सरकार द्वारा वित्तपोषित (government-sponsored) होते हैं।
-उम्मीदवारों को ट्रेनिंग, रहना, खाना और मेडिकल सुविधाएं मुफ़्त मिलती हैं।
-एनडीए के कैडेट्स को तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कपड़ों, पॉकेट अलाउंस और ग्रुप इंश्योरेंस जैसी मदों में करीब ₹35,000 देना होता है।
-ट्रेनिंग के दौरान सभी कैडेट्स को हर महीने ₹56,000 का स्टाइपेंड मिलता है।

सेना में पदोन्नति (Promotion) और ग्रोथ के लिहाज से एनडीए वालों को थोड़ी बढ़त मानी जाती है, क्योंकि वे कम उम्र में शामिल होते हैं। इसका मतलब है कि उनके पास उच्च पदों तक पहुंचने के लिए 3–4 साल का अतिरिक्त समय होता है।

इसके अलावा एनडीए और सीडीएस के अलावा भी सेना में अफसर बनने के कई रास्ते हैं: जैसे –

-टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES): 12वीं में PCM वालों के लिए।
-जज एडवोकेट जनरल (JAG): लॉ ग्रैजुएट्स के लिए।
-इंडियन नेवी एंट्रेंस टेस्ट (INET): ग्रैजुएट्स के लिए नेवी में शॉर्ट सर्विस कमीशन का मौका।
-एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (AFCAT): वायुसेना में अधिकारी बनने का लोकप्रिय माध्यम।

मेजर जनरल संजीव डोगरा की सलाह

मेजर जनरल डोगरा कहते हैं, “भारतीय सेना को टॉपर नहीं चाहिए — उसे चाहिए जिम्मेदार, सच्चे और अनुशासित युवा।” उनके मुताबिक, उम्मीदवार को खुद को बनावटी रूप में पेश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बल्कि सच्चे और ईमानदार व्यक्तित्व को निखारना चाहिए।
वे कहते हैं — “जो बच्चा सेना में आने का सपना देखता है, उसे आज से ही लीडर जैसा व्यवहार शुरू करना चाहिए। नैतिक मूल्यों को अपनाए और अपने पूरे व्यक्तित्व का विकास करे।”

निष्कर्ष: सेना को चाहिए इंसान, मशीन नहीं

भारतीय सेना केवल नौकरी नहीं, बल्कि जीवनभर का अनुशासन है। यह सिर्फ़ परीक्षा पास करने का लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है — जो कर्तव्य, नैतिकता और नेतृत्व पर टिकी है। एनडीए, सीडीएस या किसी और रास्ते से जाएं, सेना उन्हीं को अपनाती है जिनमें — ईमानदारी, जिम्मेदारी और देश के प्रति समर्पण की भावना हो।

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