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न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस और सऊदी अरब की मेज़बानी में मंगलवार को हुए द्वि-राज्य समाधान सम्मेलन में प्रतिभागियों ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने और इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष को समाप्त करने के लिए 15 महीने की समय-सीमा तय की है।
सम्मेलन के अंतिम मसौदे में कहा गया कि युद्ध, कब्ज़ा और जबरन विस्थापन से शांति संभव नहीं है। इसमें ज़ोर दिया गया कि द्वि-राज्य समाधान ही इज़राइल और फिलिस्तीनी जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का एकमात्र रास्ता है। अमेरिका और इज़राइल ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया।
मसौदे में इज़राइल से स्पष्ट रूप से शांति प्रक्रिया में भाग लेने और फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की सार्वजनिक प्रतिबद्धता जताने की अपील की गई है। साथ ही फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा और उकसावे को खत्म करने की मांग की गई है।
गाज़ा युद्ध पर सम्मेलन ने कहा कि अब लड़ाई को रोका जाना चाहिए। साथ ही गाज़ा में मानवीय सहायता की तुरंत और निर्बाध आपूर्ति की ज़रूरत पर बल दिया गया। युद्ध के हथियार के रूप में भुखमरी के उपयोग को सख्ती से नकारा गया।
सम्मेलन में सभी पक्षों से गाज़ा में युद्ध समाप्त करने के सामूहिक प्रयासों पर सहमति बनी। हमास से सभी बंधकों को रिहा करने और गाज़ा में शासन समाप्त करने की मांग की गई, वहीं 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले और इज़राइल की जवाबी कार्रवाई दोनों की निंदा की गई।
मसौदे में गाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए एक विशेष कोष बनाने और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इसमें संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया। इसके लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अधीन एक अंतरिम समिति बनाए जाने की बात भी कही गई।
सम्मेलन ने ‘एक राज्य, एक कानून और एक हथियार’ के सिद्धांत का समर्थन किया और हमास से हथियार डालने तथा सुरक्षा व्यवस्था फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपने की मांग की। साथ ही फिलिस्तीनी राष्ट्रपति द्वारा एक वर्ष के भीतर आम चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया गया।
सम्मेलन में यह भी कहा गया कि गाज़ा, फिलिस्तीनी राज्य का अभिन्न हिस्सा है और उसे पश्चिमी तट के साथ जोड़ा जाना चाहिए। फिलहाल UNRWA की भूमिका को आवश्यक माना गया, और कहा गया कि शरणार्थी संकट का समाधान होने पर इसकी जिम्मेदारी फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दी जाएगी।
