वाशिंगटन डी.सी. — अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2024 के राष्ट्रपति अभियान को हैक करने के पीछे ईरान का हाथ हो सकता है। यह ईरान के चुनाव में प्रभाव डालने के बड़े प्रयास का हिस्सा हो सकता है।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय, एफबीआई और साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने एक संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप के अभियान को हाल ही में ईरान द्वारा निशाना बनाया गया था। बयान में कहा गया है कि ईरान ने अमेरिकी जनता और राष्ट्रपति अभियानों को लक्षित करने के लिए साइबर हमले किए हैं।
ईरान ने इन आरोपों को खारिज किया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा, “ये आरोप बेबुनियाद हैं। ईरान का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। अगर अमेरिका को अपने दावों पर भरोसा है, तो उसे हमें सबूत देने चाहिए।”
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ईरान 5 नवंबर के चुनाव को अपने लिए महत्वपूर्ण मानता है। विश्लेषकों का कहना है कि ईरान उपराष्ट्रपति कमल हैरिस को चुनाव जीतते हुए देखना पसंद कर सकता है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे।
गूगल ने हाल ही में रिपोर्ट किया है कि ईरान के समर्थित हैकर अमेरिकी और इजरायली सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक अभियानों को निशाना बना रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, हैकरों ने बिडेन, हैरिस और ट्रंप के साथ जुड़े लोगों के खातों को हैक करने की कोशिश की है।