भारत में मुसलमानों की बेरोजगारी दर 3.2% तक पहुंची

भारत में अल्पसंख्यक समुदायों में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है। 2023-24 में मुसलमानों की बेरोजगारी दर 2.4% से बढ़कर 3.2% हो गई। यह सभी धार्मिक समूहों में सबसे अधिक वृद्धि है।

नवीनतम श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार, सिखों में बेरोजगारी दर 5.8% है, जो पिछले साल 5.1% थी। ईसाई समुदाय में भी बेरोजगारी में हल्की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, हिंदुओं में बेरोजगारी दर में 0.1% की कमी आई है।

अर्थशास्त्री अमिताभ कुंडू ने कहा कि मुसलमान कम वेतन पर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी हुई बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मुसलमानों में अन्य समूहों की तुलना में कम बेरोजगारी है।

कुंडू ने यह भी कहा कि कई मुस्लिम महिलाएं नौकरी की तलाश में हिचकिचाती हैं। सामाजिक और सांस्कृतिक कारण उनके लिए काम पाने में बाधा डालते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि मुसलमानों में साक्षरता दर अन्य समुदायों की तुलना में सबसे कम है। पिछले पांच वर्षों में यह दर केवल 2.6% बढ़ी है। कुंडू ने कहा कि साक्षरता बढ़ाने से मुसलमानों के लिए रोजगार के अवसर में सुधार हो सकता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *