दिलशाद नूर
गाजा युद्ध के दौरान, मिस्र के बंदरगाह इजरायल के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति चैनल बने। गाजा पट्टी पर इजरायल की घातक सैन्य कार्रवाई और कड़ी नाकाबंदी के बीच मिस्र के बंदरगाह विशेषकर अशदोद और हाइफा के पास, ने माल और सीमेंट की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जांच के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अगस्त 2024 तक, 19 जहाज मिस्र और इजरायल के बीच संचालित हुए। इनमें सात कंटेनर जहाज, छह सीमेंट वाहक और अन्य सामान्य मालवाहक शामिल थे। मिस्र के बंदरगाहों ने इजरायल के बंदरगाहों के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक लिंक बनाए रखे हैं।
इन जहाजों का संचालन जून की शुरुआत से 22 अगस्त तक मुख्य रूप से अलेक्जेंड्रिया, डेमिएटा, डेखिला, पोर्ट सईद और अल-अरिश के मिस्री बंदरगाहों और इजरायली बंदरगाहों के बीच किया गया। इन जहाजों के मालिकान विभिन्न देशों से हैं, जिनमें मिस्र, इजरायल, तुर्की, ग्रीस, सिंगापुर, जर्मनी और साइप्रस शामिल हैं।
गाजा युद्ध के दौरान, मिस्र ने इजरायल के साथ निर्यात और आयात दोनों में वृद्धि की है। अक्टूबर 2023 और 31 जुलाई 2024 के बीच, इजरायल को मिस्र का निर्यात $170.1 मिलियन रहा, जो कि 2022 और 2023 के समान महीनों के दौरान $162.8 मिलियन था।
वहीं, इजरायल से मिस्र का आयात तीन गुना बढ़कर $331.6 मिलियन हो गया, जबकि पूर्ववर्ती वर्षों में यह आंकड़ा $106.8 मिलियन था। जुलाई 2024 में, मिस्र को इजरायल के निर्यात और आयात दोनों ही अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
यह स्थिति दर्शाती है कि मिस्र के बंदरगाह गाजा संघर्ष के बीच इजरायल के लिए एक प्रमुख आपूर्ति चैनल के रूप में काम कर रहे हैं।