डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर ने अपनी नई किताब में खुलासा करते हुए कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने डोनाल्ड ट्रम्प को गुमराह किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद सीरियाई गृहयुद्ध के विजेता होंगे।
हाल ही में प्रकाशित अपनी किताब “एट वॉर विद अवरसेल्व्स: माई टूर ऑफ ड्यूटी इन द ट्रम्प व्हाइट हाउस” में मैकमास्टर ने लिखा कि एर्दोगन ने ट्रम्प पर दबाव डाला कि अमेरिकी सेना उत्तरी सीरिया के कुछ हिस्सों से वापस बुला ली जाए, ताकि तुर्की सेना सीरियाई कुर्द सशस्त्र समूहों को हटा सके।
24 नवंबर 2017 को हुई एक फोन कॉल में, एर्दोगन ने ट्रम्प से कहा कि अब कुर्द नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) को अमेरिकी समर्थन की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस्लामिक स्टेट को हरा दिया गया है। मैकमास्टर के अनुसार, एर्दोगन ने ऐसा इसलिए किया कि ट्रम्प की स्वीकृति प्राप्त कर युद्ध का अंत तुर्की-ईरान-रूस मध्यस्थता के रूप में हो सके।
मैकमास्टर का कहना है कि एर्दोगन ने ट्रम्प को “झूठ” कहा था ताकि कुर्द सेना को मजबूत होने रोका जा सके, जो सीरिया में स्वतंत्रता की मांग कर सकती है और पूर्वी तुर्की के उन हिस्सों पर दावा कर सकती है, जो कुर्द राष्ट्रवादियों द्वारा लंबे समय से मांगे जा रहे थे।
मैकमास्टर ने लिखा, “पुतिन और एर्दोगन दोनों ने ट्रम्प के साथ खेल खेला। अगर मैंने इसे बिना चुनौती दिए छोड़ा, तो मैं अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाह होता।” मैकमास्टर ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रम्प ने खुद भी एर्दोगन को गुमराह किया।
किताब में बताया गया कि, 24 नवंबर 2017 की फोन कॉल में ट्रम्प ने एर्दोगन से कहा कि एसडीएफ को हथियारों की डिलीवरी को रोकना “हास्यास्पद” है, जबकि मैकमास्टर का कहना है कि ट्रम्प ने कभी भी हथियारों की डिलीवरी रोकने का आदेश नहीं दिया।
साथ ही, मैकमास्टर ने बताया कि एर्दोगन ने ट्रम्प से शिकायत की कि वह फोन कॉल में देरी कर रहे हैं। ट्रम्प ने एर्दोगन को एक निजी फोन नंबर देने का वादा किया, ताकि वह सीधे संपर्क कर सकें।