कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कोर्ट में दिए अपने रिमांड नोट में “गैंग रेप” का कोई उल्लेख नहीं किया। इसका सीधा सा अर्थ है कि संजय रॉय इस मामले का एकमात्र आरोपी है।
शुरुआत में कोलकाता पुलिस ने 9 अगस्त को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था। जब मामला सीबीआई को सौंपा गया, तो उन्होंने भी इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। अब संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
एक अधिकारी के मुताबिक, “सीबीआई ने रिमांड नोट में गैंग रेप की धारा का उल्लेख नहीं किया, जिससे यह साफ है कि रॉय इस मामले का एकमात्र आरोपी है। हालांकि, जांच के दौरान अगर जरूरत पड़ी तो नई धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।”
पहले कोलकाता पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन 13 अगस्त से सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया। रॉय इस मामले में गिरफ्तार होने वाला एकमात्र व्यक्ति है और उसने अपना अपराध स्वीकार भी किया है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज सीबीआई को दे दिए हैं।
हालांकि, कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि अपराध स्थल को बदला गया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अस्पताल के सेमिनार हॉल में भीड़ जमा होने का दावा किया गया था, जहां डॉक्टर का शव मिला था।
कोलकाता पुलिस ने कहा कि अपराध स्थल की घेराबंदी की गई थी और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को वहाँ प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन घेराबंदी में दो व्यक्तियों की पहचान पर सवाल उठे हैं। रॉय ने एसीजेएम कोर्ट में आरोप लगाया है कि उसे फंसाया जा रहा है।