गुजरात में हाल ही में 500 साल पुरानी मस्जिद और उसके पास स्थित कब्रिस्तान को बुलडोजर से गिरा दिया गया। सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन में इस घटना को अंजाम दिया गया।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सिर्फ किसी व्यक्ति के आरोपी होने के कारण उसकी संपत्ति को बुलडोजर से नहीं गिराया जा सकता। इसके बावजूद, गुजरात सरकार ने इस मस्जिद को गिराने का फैसला लिया। इस कारवाई को अंजाम देने के लिए 36 जेसीपी बुलडोजर और पांच हिताची मशीनों का इस्तेमाल किया गया, जबकि 1,400 से अधिक पुलिसकर्मी इलाके की सुरक्षा में तैनात किये गए।
हालांकि, इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन माना जा रहा है। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा था कि जब तक सार्वजनिक सड़कों, रेलवे, या जल निकायों पर अतिक्रमण न हो, तब तक ऐसी कार्रवाई पर रोक रहेगी।
देश की सर्व्वोच अदालत के आदेश के उल्लंघन से गुजरात के मुस्लिम समुदाय में डर और चिंता पैदा कर दी है। इस कार्रवाई के दौरान कई स्थानीय निवासियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध किया था।
इससे पहले गुजरात सरकार ने पोरबंदर के पास मुरारदशा पीर दरगाह को गिरा दिया था। उस समय भी मुस्लिम समुदाय ने कड़ा विरोध किया था, लेकिन प्रशासन ने आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल करते हुए अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस दौरान 200 से अधिक मुस्लिम धार्मिक स्थल गिराए गए थे।