नई दिल्ली: कुकी-जो समुदाय के सदस्यों ने शनिवार को जंतर-मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन कर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने में अपनी संलिप्तता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।
लगभग 500 लोगों ने काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। उन्होने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की। विरोध प्रदर्शन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
कुकी छात्र संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें कहा गया है कि कुकी-जो समुदाय ने 3 मई, 2023 से मैतेई समुदाय द्वारा जातीय सफाई और लगातार हमलों का सामना किया है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि हाल ही में सामने आई ऑडियो रिकॉर्डिंग में मुख्यमंत्री ने कुकी-जो समुदाय के खिलाफ हिंसा में अपनी भूमिका की बात की है, जिससे यह साबित होता है कि उनकी सरकार कुकी-जो लोगों के उत्पीड़न में शामिल है।
मणिपुर सरकार ने इस ऑडियो रिकॉर्डिंग को फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह एक साजिश है और मामला न्यायालय में है। उन्होंने एफआईआर दर्ज होने की बात की और ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में आपराधिक जांच शुरू की जाए। साथ ही, उन्होंने कुकी-जो समुदाय के खिलाफ हिंसा में शामिल सभी अधिकारियों को गिरफ्तार करने की भी मांग की।
केएसओ ने कुकी-जो क्षेत्रों के लिए एक अलग प्रशासन और केंद्र शासित प्रदेश बनाने की भी मांग की है। उन्होंने असम राइफल्स की तैनाती को और मजबूत करने की अपील की है, ताकि कुकी-जो गांवों पर हमले रोके जा सकें।
कुकी इंपी दिल्ली के प्रवक्ता किम हाओकिप ने कहा कि हाल की घटनाओं के बाद वे इम्फाल लौटने में असुविधा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से न्याय की उम्मीद जताई और अलग राज्य की मांग के बजाय एक केंद्र शासित प्रदेश की मांग की, ताकि शांति स्थापित की जा सके।
प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की अपील की है और केंद्र सरकार से कुकी-जो समुदाय को न्याय दिलाने की मांग की है।